नई टैक्स व्यवस्था एक वैकल्पिक टैक्स सिस्टम है जिसे सरकार ने पहले से मौजूद पुराने टैक्स सिस्टम के साथ पेश किया है। इसका उद्देश्य टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाना और मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को अधिक राहत देना है। इसमें कम टैक्स रेट्स के साथ सीमित डिडक्शन और छूट होती हैं।
2025 में क्या बदला है?
1 अप्रैल 2025 से नई टैक्स व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं जो इसे पहले से ज्यादा फायदेमंद बनाते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो ज्यादा इन्वेस्टमेंट नहीं करते।
नई इनकम टैक्स स्लैब ( New Tax Regime Slabs 2025-26)
सालाना आय | टैक्स दर |
---|---|
₹4,00,000 तक | कोई टैक्स नहीं |
₹4,00,001 – ₹8,00,000 | 5 प्रतिशत |
₹8,00,001 – ₹12,00,000 | 10 प्रतिशत |
₹12,00,001 – ₹16,00,000 | 15 प्रतिशत |
₹16,00,001 – ₹20,00,000 | 20 प्रतिशत |
₹20,00,001 – ₹24,00,000 | 25 प्रतिशत |
₹24,00,000 से ऊपर | 30 प्रतिशत\ |
नई व्यवस्था में क्या नया है?
- बेसिक छूट सीमा अब ₹4 लाख तक: पहले ₹3 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री थी, अब ₹4 लाख तक टैक्स नहीं देना होगा।
- सेक्शन 87A के तहत टैक्स में छूट बढ़ी:
अब ₹12 लाख तक की सालाना इनकम पर आपको ₹60,000 तक की टैक्स छूट मिलेगी।
इसका मतलब है कि ₹12 लाख या उससे कम की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
₹12 लाख आय वालों को कितना फायदा?
यदि आपकी सालाना आय ₹12 लाख है, तो नई टैक्स व्यवस्था के तहत आप करीब ₹83,200 तक टैक्स की बचत कर सकते हैं।
पुरानी टैक्स व्यवस्था: अब भी विकल्प
अगर आप डिडक्शन और छूट का भरपूर लाभ उठाते हैं, तो पुरानी टैक्स व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है।
पुरानी टैक्स स्लैब:
- ₹2,50,000 तक – कोई टैक्स नहीं
- ₹2,50,001 – ₹5,00,000 – 5 प्रतिशत
- ₹5,00,001 – ₹10,00,000 – 20 प्रतिशत
- ₹10,00,000 से ऊपर – 30 प्रतिशत
पुराने सिस्टम में मिलने वाले प्रमुख डिडक्शन:
- हाउस रेंट अलाउंस (HRA)
- लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA)
- सेक्शन 80C के तहत निवेश (₹1.5 लाख तक)
- नेशनल पेंशन सिस्टम (₹50,000 तक)
- हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (₹50,000 तक)
कौन सी टैक्स व्यवस्था बेहतर है?
यह पूरी तरह आपकी इनकम, इन्वेस्टमेंट और टैक्स प्लानिंग पर निर्भर करता है।
- अगर आप ज्यादा डिडक्शन नहीं लेते, तो नई व्यवस्था फायदेमंद हो सकती है।
- अगर आप इनकम टैक्स में छूट पाने के लिए निवेश करते हैं, तो पुरानी व्यवस्था ज्यादा बेहतर हो सकती है।
सरकार के इनकम टैक्स पोर्टल पर उपलब्ध टैक्स कैलकुलेटर से आप आसानी से तुलना कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसे किसी प्रकार की निवेश सलाह न समझा जाए। कृपया कोई भी फाइनेंशियल निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।